अशोक के 14 अभिलेख
दोस्तों आज मैं आपको अशोक के 14 अभिलेख के बारे में बताऊंगा |
1- प्रथम लेख में पशु हत्या निषेध के बारे में बताया गया है
2- दूसरे लेख में अपने साम्राज्य की सीमा पर स्थित पड़ोसी शक्तियों से सुरक्षा के बारे में बताया गया
3- तीसरे लेख में अधिकारियों और उनके कार्य के बारे में बताया गया
4- चौथे लेख में धम्म नीति धर्म अनुशासन व्यक्ति को शीलवान होना चाहिए इन सब बातों का वर्णन किया गया है
5- लेख में अशोक कहता है कि मैंने अपने राज्याभिषेक के 13 वें वर्ष धम्मपात्रों की नियुक्ति कि धम्मपात्रों जो धार्मिक संप्रदायों में धर्म की रक्षा करने एवं बंदियों की रिहाई के लिए नियुक्त किया गया है
6- छठे वे लेख में अशोक अपने प्रतिवेदकों को आदेश देता है कि मैं जहां भी रहूं मुझे प्रजा के विषय में सूचना दें सर्वत्र मैं प्रजा का कार्य करता हूं
7 – वें लेख में कहता है कि सब जगह सब संप्रदायों के मनुष्य निवास करें क्योंकि यह सब संयम एवं आत्मिक शुद्धि चाहते हैं
8- वें लेख में धमयात्राओ का उल्लेख है इसी में बताया गया है धमयात्राओ के बारे में, अशोक सबसे पहले बोधगया गया, अशोक ने कुल 256 राते धमयात्राओ में बितायी.
9- वें लेख में धम्म मंगल को श्रेष्ठ बताया है अशोक कहता है कि लोग दासो सेवको से शिष्ट व्यवहार करें
10-वें लेख में यश कीर्ति की निंदा की गई है नीति को श्रेष्ट बताया गया
11- वें लेख में दान को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है
12- वां शिलालेख अशोक की धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाता है
13- वें लेख में कलिंग युद्ध के बारे में बताया गया
14- वा लेख जो है उसमें अशोक कहता है मेरा राज्यतंत्र विशाल है इसमें बहुत से लेख लिखे गए हैं आगे भी लिखूंगा ऐसी संभावना हो सकती है इन लेखों में कुछ त्रुटि रह गई हो
वेबसाइट पे आने के लिए धन्यवाद , पुनः पधारे |
(Visited 984 times, 1 visits today)