भारत में मिट्टी के प्रकार
भारत में मिट्टी के प्रकार
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Indian Council of Agricultural Research-I.C.A.R.) ने भारतीय मिट्टी को 8 भागों में बांटा है-
- लाल मिट्टी Red Soil
- काली मिट्टी Black Soil
- लैटेराइट मिट्टी Laterite Soil
- क्षारयुक्त मिट्टी Saline and Alkaline Soil
- हल्की काली एवं दलदली मिट्टी Peaty and Other Organic soil
- रेतीली मिट्टी Arid and Desert Soil
- कांप मिट्टी Alluvial Soil
- वनों वाली मिट्टी Forest Soil
जलोढ़ मिट्टी (दोमट मिट्टी) (कांप मिट्टी)
- यह मिट्टी भारत के लगभग 22 फीसदी क्षेत्रफल पर पाई जाती है.
- यह नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टी है. इस मिट्टी में पोटाश की बहुलता होती है, लेकिन नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी होती है.
- पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बांगर और नयी जलोढ़ मिट्टी को खादर कहा जाता है.
लाल मिट्टी (रेड सॉइल)
- लाल मिट्टी का लाल रंग आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण होता है, लेकिन जलयोजित रूप में यह पीली दिखाई देती है.
काली मिट्टी (ब्लैक सॉइल)
- काली मिट्टी का काला रंग टिटेनीफेरस मैग्नेटाइट और जीवांश (ह्यूमस) की उपस्थिति के कारण होता है.
- इस मिट्टी को रेगुर मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है.
- काली मिट्टी कपास की खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त होती है इसलिए इसे काली कपास की मिट्टी यानी ब्लैक कॉटन सॉइल भी कहा जाता है.
लैटेराइट मिट्टी(Laterite Soil)
- इस मिट्टी का निर्माण मानसूनी जलवायु की आर्द्रता और शुष्कता के क्रमिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप उत्पन्न विशिष्ट परिस्थितियों में होता है.
- लैटेराइट मिट्टी चाय की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है.
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