लिपि क्या है | देवनागरी लिपि | भाषा के रूप | वर्ण | स्वर | व्यञ्जन
लिपि की परिभाषा:-
लिपि क्या है, आइये आज हम इसको थोड़ा समझने की कोशिश करते है, जब हम कुछ बात किसी से करते है तो एक ध्वनि हमारे मुख से निकलती है और वही ध्वनी सामने वाली को सुनाई देती है, अगर वही मनुष्य हमसे दूर हो तो क्या तब भी वह हमें सुन पायेगा ? तो जबाब होगा नही तो उस दूर बैठे व्यक्ति को हम किन्ही चिन्हों के माध्यम अपनी बात बताने की कोशिश करेगें ऐसे चिन्ह हम लोगों ने पहले ही बना लिए है जिससे हम अपनी बात आसानी से दूर बैठे व्यक्ति तक पहुचाॅ सकें इन्ही ध्वनि चिन्हों को लिपि कहते है।
देवनागरी लिपिः-
हिन्दी हमारी कागजी राष्ट्र भाषा है और इसकी लिपि देवनागरी लिपि कहलाती है। हिन्दी – भाषा की वर्ण – माला जिस लिपि में लिखी जाती है, उसका नाम ‘देवनागरी लिपि‘ है।
भाषा के रूपः-
प्रत्येक देश में भाषा के मुख्यतः तीन रूप होते है।
1- बोलियाॅ
2- परिनिष्ठित भाषाः किसी बोली को जब व्याकरण से परिष्कृत किया जाता है, वह परिनिष्ठत भाषा बन जाती है।
3- राष्ट्रभाषा
वर्ण (अक्षर):-
वर्ण का दूसरा नाम अक्षर है। अक्षर शब्द का अर्थ ही होता है- अनाशवान।
हिन्दी वर्णमाला की वर्ण-माला में 52 वर्ण हैं।
स्वरः- वे वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, स्वर कहलाते हैं। हिन्दी वर्ण-माला में स्वरों की संख्या 11 है।
व्यञ्जनः- जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों की सहायता के बिना नही हो पाता, वे व्यञ्जन वर्ण के अन्तर्गत आते हैं। वर्ण-माला से स्वरों को निकाल देने पर शेष वर्ण व्यञ्जन कहलाते है। इनकी संख्या 33 हैं |
य र ल व अन्तस्थ व्यञ्जन कहलाते हैं
श ष स ह ऊष्म व्यञ्जन कहलाते हैं
क्ष(क्+ष्) त्र(त्+र्) ज्ञ(ज्+ञ्) संयुक्त व्यञ्जन कहलाते हैं
अनुस्वार( ं) चन्द्र बिन्दु ( ॅं) विसर्ग (:) ये तीनो भी व्यञ्जन में आते है।